मंगलवार एकादशी तिथि स्वाति नक्षत्र, धृति योग में अंग्रेजी नववर्ष 2019 का प्रारंभ होगा। नव वर्ष की शुरुआत में सर्वार्थ सिद्धि योग, जेमिनी योग और केदार योग बनेंगे। नए साल में सूर्योदय धनु लग्न के स्वाति नक्षत्र में राहु की महादशा में होगा। साथ ही मंगल, मीन राशि में उदय होंगे और पूरे साल मार्गीय रहेंगे। शनि देव साल भर धनु राशि में रहेंगे। राहु 6 मार्च को मिथुन में व केतु धनु में प्रवेश करेंगे। धनु राशि मे केतु व शनि की युति के कारण योगियों, संन्यासियों और अध्यात्म के लिए लाभप्रद रहेगा। ये योग 149 वर्ष पूर्व 1870 में बना था और अब 57 वर्ष बाद 2076 में बनेगा।
पं.जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि नववर्ष का आगमन खुशियां लेकर आएगा। 2019 का मूलांक 3 रहेगा। यह अंक बृहस्पति का है। इसका प्रभाव विवाह, शिक्षा, धन व संतान के लिए लाभकारी रहेगा। कारक होने के कारण लाभप्रद रहेंगे। बृहस्पति का वृश्चिक राशि व धनु राशि में परिभ्रमण रहेगा। मंगल राशि गुरु की मित्र राशि है एवं धनु उनकी स्वयं की राशि है। पं अक्षय शास्त्री ने बताया कि नव संवत्सर 6 अप्रैल से आरंभ होगा। नव संवत्सर के राजा शनि होंगे। इसके कारण तेल, पेट्रोल, डीजल, गैस व अन्य तेलीय उत्पादों में तेजी का वातावरण रहेगा।
ग्रह होंगे वक्रीय और मार्गीय
पंडित गिरधर गौतम के अनुसार मंगल साल भर मार्गीय रहेंगे। बुध 5 मार्च को मीन राशि में वक्री होंगे और 28 मार्च को कुंभ राशि में मार्गी होंगे। 8 जुलाई को कर्क राशि में वक्री होंगे। 1 अगस्त को मिथुन राशि में मार्गी होंगे। 31 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में वक्री होकर 21 नवंबर को तुला राशि में मार्गी होंगे। नए साल में गुरु वृश्चिक राशि में मार्गी होंगे और 10 अप्रैल को धनु राशि में वक्री होंगे। 11 अगस्त को वृश्चिक राशि में मार्गी होंगे। शुक्र साल भर मार्गी रहेंगे। शनि साल की शुरुआत में धनु राशि में मार्गी होंगे। 30 अप्रैल को धनु राशि में वक्री होंगे और 18 सितंबर को धनु राशि में मार्गी होंगे। अन्य ग्रहों की स्थिति सामान्य रहेगी।