अंग्रेजी दिनांक अनुसार वर्तमान हिन्दु तिथि पता करना –
इसके लिए पहले दो खास सङ्ख्याएं निकालनी होती हैं इनको वर्षांक और मासाङ्क नाम दिए गए हैं। इन्ही से तिथि कि गणना की जा सकती हैं
वर्षांक जानने के लिए नियम – वर्तमान सन मे 19 का भाग दें। जो शेष बचे वही वर्षांक होगा। उदाहरण के लिए सन 2020 के लिए 2020 ÷19 =106 शेष 6 । अतः वर्षांक हुआ ।
मासाङ्क जानने के लिए नियम – वर्षांक (उपरोक्त ) को 11 से गुणा करना है। प्राप्त उत्तर फल में 30 का भाग देना है जो शेष हो वही मासाङ्क हुआ। उदाहरण के लिए पूर्व गणित वर्षांक 6 के लिए मासाङ्क इस प्रकार होगा –
6*11=66, 66÷30= 2भागफ़ल शेष 6 । अतः मासाङ्क हुआ 06 ।
अब सूत्र है –
तिथि = मासाङ्क + मास सङ्ख्या + तारीख
नोट :: मास सङ्ख्या के लिए प्रथम मास 21 मार्च से लेना है।
उदाहरण के लिए 14 मई 2020 की तिथि ज्ञात करते हैं।
2020 के लिए वर्षांक हुआ 2020 ÷ 19=106 भागफ़ल शेष 6
अब मासाङ्क पता करेंगे।
6×11= 66
66÷30= 02 शेष 06
जून के लिए मार्च से गिना, मार्च =1, अप्रैल =2, मई =3, जून =4…..अतः मास सङ्ख्या हुई 4।
तिथि = मासाङ्क (06) +तारीख(14) + मास सङ्ख्या(2) = 22
यदि उत्तर 01 से 15 आये शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा से पूर्णिमा तिथि
यदि उत्तर 16 से 30 आये तो कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या तिथि
अर्थात 14 मई 2020 को कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि हुई।
यदि उत्तर 30 से अधिक हो तो 30 घटा देने से जो उत्तर प्राप्त हो वो ही तिथि होगी ।
श्री साकेत पंचांग कैलेंडर के पृष्ठ सङ्ख्या 5 में देखा तो इस तारीख को सप्तमी तिथि ही है।
एक अन्य उदाहरण देखें –
22 अक्टूबर 2020
तिथि = मासाङ्क (06) +तारीख(22) + मास सङ्ख्या(8) = 36
22 अक्टूबर 2020 के लिए मास सङ्ख्या 8 हुई। अतः तिथि = 06+22+08= 36
30 घटाने पर शुक्ल पक्ष के 06 दिन प्राप्त हुए अर्थात शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि आई ।
श्री साकेत पंचांग कैलेंडर के पृष्ठ 10 पर देखा तो इस दिन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि ही है।
ध्यान दीजियेगा कि उपरोक्त विधा से गणित करने पर कभी कभी एक दिन अथवा तिथि का अंतर आ जाता है क्योंकि कभी कभी एक ही तारीख में दो तिथियां पड़ जाती हैं तो कभी कभी कोई तिथि का क्षय हो जाता है। सामान्यतया इस प्रकार से गणित करने पर तिथि से तारीख अथवा तारिख से तिथि की लगभग जानकारी हो ही जाती है। अधिक से अधिक 1 दिन/तिथी का अन्तर पड़ता है। पुनः यह विधि बहुत दूर की तिथियों अथवा तारीखों के लिए सटीक नही बैठती।
इसमें कुछ और खोज करके इसे प्रामाणिक करने की जरुरत है।
आगे फिर कभी हम आपको वार और सूर्य चन्द्र की राशियां ज्ञात करने का गणित विषय भी स्पष्ट करेंगे।