संकट के सारथी : लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी आगे आ रहे जरूरतमंदों के मददगार – पारस भाटिया

लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी जरूरतमंदों के लिए मददगार की भूमिका निभाने का उत्साह बना हुआ है।
पंचांग सार संवाददाता, जयपुर : लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी जरूरतमंदों की मदद करने वालों का उत्साह बना हुआ है।

पारस भाटिया सामाजिक संगठन द्वारा दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले लॉकडाउन से ही रोजाना 500 लोगों को पका खाना उपलब्ध कराने वाले पारस भाटिया की ओर से अब लगभग 1100 लोगों के खाने की व्यवस्था की गई है।

स्वयंसेवक पारस भाटिया का कहना है स्वयंसेवक होने से बढ़कर गर्व और सम्मान की दूसरी बात हमारे लिए कोर्इ नहीं है। जब हम कहते हैं कि मैं एक साधारण स्वयंसेवक हूँ, तब इस दायित्व का बोध हमें अपने हदय में रखना चाहिए कि यह दायित्व बहुत बड़ा है। समाज भी हमारी ओर देख रहा है और समाज हमें एक स्वयंसेवक के रूप में देखता है। समाज की हमसे बड़ी-बड़ी अपेक्षाएँ रहें और उन अपेक्षाओं को पूर्ण करते हुए हम उनसे भी अधिक अच्छे प्रमाणित हों। लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी लोगों की मदद जारी रहेगी। जहां पहले रोजाना 500 लोगों को दोनों वक्त का भोजन दिया जाता था अब वहीं 600 और लोगों को इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में अधिक से अधिक लोगों की मदद की मंशा से काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि मदद का सिलसिला तीन मई तक जारी रहेगा। लोगों को सुबह का नाश्ता मुहैया कराया जाता है। वहीं कोरोना संकट के दौरान लोगों की सेवा करने वालों को मास्क और सैनिटाइजर दिए जा रहे हैं। सामाजिक संगठनों के लोग भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आ रहे हैं।

6 Comments

  1. पारस भैया को जहां तक मैं जानता हूं , इन्होंने शुरू से लेकर समाज सेवा की है , यह तो अभी देश में काफी बड़ा संकट कोरोना वायरस आया है, पर भाटिया जी हमेशा से ही सबकी मदद करते आए हैं, इनका स्वभाव शुरू से ही काफी नरम दिल का है , यह किसी और की तकलीफ देख नहीं पाते, यह खुद तकलीफ में होते हुए भी दूसरों को तकलीफ में देखकर उनकी मदद करते हैं, अगर मैं भी शब्द यूज करूंगा तो भी इसमें कुछ गलत नहीं है कि सच में कहा जाता है कि इंसान के रूप में भगवान का जन्मदिन धरती पर होता है , मेरे लिए तो यह कहना भी कोई मुश्किल बात नहीं है कि यह साक्षात भगवान का रूप ही हैं जो इंसान का रूप लेकर धरती पर आए, इनको दिल से मेरा शत-शत प्रणाम,और जो भी भाई लोग इनका साथ दे रहे हैं उनका भी तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं, और दुआ करता हूं कि यह जिस काम में लगे हुए हैं ईश्वर इस काम में इनको काफी हिम्मत दे और पूरा सहयोग दे और आप सभी भाइयों के सहयोग से कार्य सफल हो

  2. कोरोना काल में आए इस विश्व व्यापी संकट के कारण लोग घरों में बैठे हैं । जो संपन्न है उनके लिए ये समस्या उतनी बड़ी नहीं है जितनी उनके लिए जो दिहाड़ी मजदूर है वा साधन विहीन है, भूखे का पेट भरने से बड़ा पर उपकार और नहीं हो सकता । नर सेवा से ही नारायण सेवा है। ये अत्यंत सराहनीय कार्य है ।

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