2019 में 15 अगस्त के दिन रक्षाबंधन, 12 त्योहार रविवार को आएंगे

2019 में 15 अगस्त के दिन रक्षाबंधन, 12 त्योहार रविवार को आएंगे

जयपुर। नववर्ष 2019 की शुरुआत मंगलवार को राहु प्रधान नक्षत्र से होगी। 2019 का समापन भी राहु प्रधान नक्षत्र में ही होगा। इसके अलावा सालभर में सूर्य और चंद्र को मिलाकर कुल चार ग्रहण पड़ेंगे। हालांकि इनमें से दो अप्रभावी हैं। नए साल में एक भी अधिमास नहीं होगा। दीपावली 27 अक्टूबर को है। इसके अलावा 2018 की तुलना में 2019 में कई बड़े पर्व, जयंती और त्योहार रविवार को आएंगे। रक्षा बंधन 15 अगस्त का रहेगा। नए साल में 12 त्योहार और जयंतियां रविवार को पड़ेंगी। इनमें बसंत पंचमी, गुरु गोविंद सिंह का जन्म दिवस, अग्रसेन जयंती, दशहरा (महाअष्टमी), गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस आदि शामिल हैं। महाशिवरात्रि 4 मार्च, होली 21 मार्च, रामनवमी 13 अप्रैल, रक्षा बंधन 15 अगस्त, जन्माष्टमी 23 अगस्त, दशहरा 8 अक्टूबर,गुरुनानक जयंती 12 नवंबर,दीपावली 27 अक्टूबर और ईद 10 नवंबर को है। पं अक्षय शास्त्री का कहना है कि साल की शुरुआत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से होगी। इस दिन सफला एकादशी भी है। साथ ही साथ राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र है। नया साल मंगलवार को राहु प्रधान नक्षत्र से शुरू हो रहा है। वर्षभर गुरु वृश्चिक राशि में रहेंगे और साल के अंत में अपनी राशि बदलेंगे। 6 अप्रैल को हिंदू नववर्ष शुरू होगा। इस नववर्ष को प्रमाथी नाम संवत्सर के नाम से जाना जाएगा। इसके राजा शनि और मंत्री सूर्य रहेंगे। नए साल की शुरुआत सूर्य ग्रहण से होगी। 5 जनवरी को पहला सूर्यग्रहण है। हालांकि इसका हमारे यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा जो भारत में दिखेगा। नए साल में पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को लगेगा। दूसरा चंद्रग्रहण 16 जुलाई और 17 जुलाई बीच होगा।
राजस्थान की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, उत्पादन भी बढ़ेगा
पं राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि राजस्थान की राशि तुला राशि है। चूंकि तुला राशि का स्वामी शुक्र है और शुक्र दैत्य गुरु है। इनके साथ ही अगर बात की जाए देव गुरु बृहस्पति की जो वर्षभर वृश्चिक राशि में यानी 3 तीसरे स्थान पर रहेगा। इसका मतलब है कि राजस्थान प्रदेश इस साल काफी प्रगति करेगा। आर्थिक सुदृढ़ता की ओर बढ़ेगा। व्यापार के क्षेत्र में प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी। शिक्षा के क्षेत्र में नए अनुसंधान होंगे।
सालभर में ग्रहों की वक्री-मार्गी स्थिति ऐसी : नए साल में गुरु 10 अप्रैल को वक्री होंगे और 11 अगस्त को मार्गी होंगे। इसी तरह शनि 30 अप्रैल को वक्री और मार्गी 18 सितंबर को होंगे। बुध की बात करें तो वे 5 मार्च को वक्री होंगे।
शिव आराधना से दूर होंगी परेशानियां : नए साल शुभ हो, इसके लिए शिव की आराधना करें। साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को अल सुबह हल्दी के जल से स्नान करें। शिव का अभिषेक करें।

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