राजस्थान विधानसभा चुनाव इंतजार के बाद 11 दिसंबर को तय हो गया कि किस पार्टी की सरकार बनने वाली है। नई सरकार तो बन जाएगी लेकिन यदि नई सरकार के नुमाइंदे शुभ मुहूर्त में शपथ लेना चाहते हों तो उनके लिए बुरी खबर है कि शास्त्रोक्त मान्यता के अनुसार एक माह तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। एक माह बाद यानी 14 जनवरी के पश्चात ही किसी भी तरह के शुभ संस्कार संपन्न किए जा सकेंगे।
धनु राशि में सूर्य हो तो शुभ कार्य का उचित फल नहीं
ध्यातव्य है कि 12 दिसंबर से चल रहे पंचक 17 दिसम्बर रात्रि के बाद अगली सुबह 04 बजकर 16 मिनिट तक रहेंगे। धर्म ग्रंथों में ‘पंचक’ को शुभ नहीं माना गया है। पंचक के पांच दिनों तक किसी भी तरह का शुभ कार्य करने की मनाही है। इस तरह देखा जाए तो 17दिसंबर की मध्य रात्रि के पश्चात तक पंचक काल रहेगा। इसी दिन 16 दिसंबर से ‘खरमास’ की शुरुआत होगी।
खरमास में भी पूरे माह भर तक शुभ संस्कार नहीं किए जा सकते। इसे धनुर्मास भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करता है तो जब तक सूर्य धनु राशि में विद्यमान रहता है तब तक कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यदि कोई शुभ कार्य करता है तो उसे उचित फल की प्राप्ति नहीं होती। चूंकि खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा इसलिए 15 जनवरी से ही शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
जरूरी होने पर एकादशी के दिन करें शुभ कार्य की शुरुआत
शास्त्रों में वर्णित है कि यदि अशुभ माने जाने वाले मलमास (खरमास) में किसी कार्य को करना अति आवश्यक हो तो ‘एकादशी’ के दिन भगवान विष्णु और इष्टदेवों की पूजा करके कार्य संपन्न किया जा सकता है। इसमें भी विवाह संस्कार तो करना ही नहीं चाहिए। चूंकि खरमास के दौरान 19 दिसंबर को सुबह 7.35 बजे तक एकादशी तिथि है जो उदयाकाल में पड़ रही है। उदयाकाल में एकादशी होने से इस दिन अति आवश्यक कार्य किए जा सकते हैं।
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अक्षय शास्त्री